CSJMU News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए 2007 से 2022 तक के उन छात्रों को पास करने का फैसला किया है जो पर्यावरण अध्ययन विषय में फेल हो गए थे। इस फैसले के तहत, बिना परीक्षा दिए ही छात्रों को न्यूनतम पासिंग अंक देकर उत्तीर्ण किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए छात्रों को विश्वविद्यालय में 1,000 रुपये शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।
यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन और परीक्षा समिति द्वारा लिया गया है, जिससे लगभग 10,000 छात्रों को लाभ मिलेगा। यह उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपनी अधूरी स्नातक डिग्री पूरी करना चाहते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
पर्यावरण अध्ययन विषय को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 2007 से अनिवार्य कर दिया गया था। इसके बावजूद, कई छात्र इस विषय में फेल हो गए थे, जिससे उनकी स्नातक की डिग्री अधूरी रह गई थी। कई वर्षों तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था।
अब परीक्षा समिति ने इस समस्या के निवारण के लिए एक बैठक आयोजित की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 2007 से 2022 तक के सभी फेल छात्रों को औसत अंक देकर उत्तीर्ण कर दिया जाएगा।
फैसले के तहत छात्रों को कैसे मिलेगा पासिंग मार्क्स?
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार एक अनोखा समाधान निकाला है। परीक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे सभी छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही औसत अंक देकर उत्तीर्ण किया जाएगा।
लेकिन इसके लिए छात्रों को कुछ औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी:
- छात्र को विश्वविद्यालय जाकर 1,000 रुपये का शुल्क जमा करना होगा।
- शुल्क जमा करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर्यावरण अध्ययन विषय में न्यूनतम पासिंग अंक जोड़ देगा।
- इसके लिए कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है, यानी छात्र कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत
विश्वविद्यालय का यह फैसला उन हजारों छात्रों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जो सिर्फ एक विषय में फेल होने के कारण अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पा रहे थे। कई छात्र सरकारी नौकरियों या उच्च शिक्षा में प्रवेश नहीं ले पाए क्योंकि उनके पास स्नातक की पूर्ण डिग्री नहीं थी।
अब यह फैसला लागू होने से वे अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे और करियर में आगे बढ़ने के नए अवसरों का लाभ उठा सकेंगे।
फैसले के तहत छात्रों को कैसे मिलेगा पासिंग मार्क्स?
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार एक अनोखा समाधान निकाला है। परीक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे सभी छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही औसत अंक देकर उत्तीर्ण किया जाएगा।
लेकिन इसके लिए छात्रों को कुछ औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी:
- छात्र को विश्वविद्यालय जाकर 1,000 रुपये का शुल्क जमा करना होगा।
- शुल्क जमा करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर्यावरण अध्ययन विषय में न्यूनतम पासिंग अंक जोड़ देगा।
- इसके लिए कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है, यानी छात्र कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
📚 कौन से छात्र इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
इस योजना के तहत केवल 2007 से 2022 के बीच स्नातक कर चुके छात्र ही आवेदन कर सकते हैं। यानी यदि किसी छात्र ने इस अवधि में स्नातक किया है लेकिन पर्यावरण अध्ययन में फेल हो गया था, तो वह अब इस फैसले का लाभ उठा सकता है।
📢 CSJMU के अन्य फैसले और सीटों में बढ़ोतरी
CSJMU ने न केवल पुराने छात्रों को राहत दी है, बल्कि नई प्रवेश प्रक्रिया और सीटों की संख्या में बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय की बैठक में यह तय किया गया कि –
✅ नए पाठ्यक्रमों की सीटें बढ़ाई जाएंगी।
✅ लॉ, मैनेजमेंट, फार्मेसी, गणित, साइंस और अन्य कोर्स में सीटों की संख्या बढ़ेगी।
✅ 32 नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।
इसके अलावा, 10 नए लॉ कॉलेजों की मान्यता दी जाएगी, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के और अधिक अवसर मिलेंगे।
🔎 निष्कर्ष
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) का यह फैसला निश्चित रूप से छात्रों के हित में लिया गया एक सराहनीय कदम है। पर्यावरण अध्ययन में फेल होने के कारण जिन छात्रों का भविष्य अटक गया था, वे अब अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।
हालांकि, कुछ लोग इस फैसले की आलोचना भी कर सकते हैं क्योंकि बिना परीक्षा दिए पासिंग अंक देना कई लोगों को अनुचित लग सकता है। लेकिन जब इसे छात्रों की समस्याओं और उनके भविष्य की दृष्टि से देखा जाए, तो यह निर्णय सही लगता है।
अब छात्रों को सिर्फ 1,000 रुपये का शुल्क भरकर अपनी डिग्री पूरी करने का अवसर मिलेगा, जो उनके करियर के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है।
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