UP Scholarship New Rules: अब अगर आप किसी कॉलेज में पढ़ रहे हैं और छात्रवृत्ति पाने की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत छात्रवृत्ति पाने के लिए कॉलेज का नैक (NAAC) ग्रेडेड होना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपका संस्थान नैक ग्रेडिंग प्राप्त नहीं कर पाया है, तो छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना बेकार होगा।
What is NAAC grading? और क्यों हुई अनिवार्य?
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का आकलन करता है और उन्हें ग्रेड प्रदान करता है। सरकार का मानना है कि केवल उन्हीं संस्थानों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखते हैं।
छात्रों और कॉलेजों पर असर
शहर में कई तकनीकी और डिग्री कॉलेज ऐसे हैं, जिनके पास अभी तक नैक ग्रेडिंग नहीं है। इसका सीधा असर उन हजारों छात्रों पर पड़ेगा, जो हर साल सरकार से छात्रवृत्ति की मदद पाते हैं।
👉 जिन कॉलेजों को नैक ग्रेडिंग नहीं मिली है, उनके छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।
👉 कुछ कॉलेजों ने अभी तक नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन तक नहीं किया है, जिससे छात्रों की चिंता और बढ़ गई है।
👉 पहले से छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों को भी दिक्कत हो सकती है, अगर उनका कॉलेज नैक ग्रेडिंग से बाहर हो गया तो।
किन कॉलेजों ने प्राप्त की है नैक ग्रेडिंग?
कानपुर शहर के कुछ प्रमुख कॉलेज जैसे पीपीएन कॉलेज, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, बीएनएसडी, डीएवी और डीजी कॉलेज आदि कॉलेजों ने नैक ग्रेडिंग प्राप्त कर ली है, इसलिए इनके छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन कई संस्थान अभी भी इस प्रक्रिया में पीछे हैं, जिससे उनके छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
छात्रों को क्या करना चाहिए?
✅ छात्र अपने कॉलेज प्रशासन से नैक ग्रेडिंग की स्थिति के बारे में जानकारी लें।
✅ यदि संस्थान नैक ग्रेडिंग प्राप्त नहीं कर पाया है, तो वैकल्पिक छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें।
✅ कॉलेज प्रशासन को जल्द से जल्द नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करने का आग्रह करें।
सरकार को क्या करना चाहिए?
📌 सरकार को नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए कॉलेजों को पर्याप्त समय देना चाहिए ताकि कोई भी छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।
📌 जिन कॉलेजों ने नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन कर दिया है, उन्हें अस्थायी राहत दी जा सकती है ताकि उनके छात्रों को छात्रवृत्ति मिल सके।
📌 छोटे और निजी कॉलेजों के लिए नैक ग्रेडिंग की प्रक्रिया को थोड़ा आसान किया जाना चाहिए, ताकि वे जल्दी से इसे प्राप्त कर सकें।
निष्कर्ष
सरकार के इस नए नियम का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है, लेकिन अगर इसे जल्दबाजी में लागू किया गया तो हजारों छात्रों को आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है। अगर आपका कॉलेज नैक ग्रेडिंग प्राप्त नहीं कर सका है, तो अब समय आ गया है कि आप खुद जागरूक बनें और अपने संस्थान को इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए कहें।
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